Sunday, March 7, 2010

घर में लाल आया है

आओ-आओ नगाड़ा बजाओ 
सबको बुलाओ मिठाई बाँटो
पंडित बुलाओ नामकरण कराओ,
घर में लाल आया है..... 
बड़ा होकर हमारे सपने करेगा पूरा 
सब आओ जल्दी आओ 
घर का चिराग आया है,
घर में लाल आया है....
आंसू पोछेगा बुड़ापे में 
बुरे समय में हमारे साथ होगा 
चार बहनों के बाद आया है,
घर में लाल आया है....

मिथ्या था सब, कोई नहीं आज 
चला गया दूर, अकेले हैं हम 
पहले आता था साल में चार बार घर,
अब तो चार साल में एक बार....
आँखे हैं की मानती नहीं 
निहारती हैं पग हर पल 
घर आ जाओ जल्दी से,
डाल जाओ मुहं में गंगा जल.... 
मिल लो आखरी वक़्त है 
आखरी हैं सांसे 
मन को हो जयेगी तस्सली की,
घर में लाल आया है...

7 comments:

  1. क्या लाल और क्या लाली...आज के युग का यही हाल है.

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  2. जीवन की आपाधापी में यही हो रहा है ।

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  3. भैया इस दुनिया में अब सब अकेले हैं। पहले एकान्‍त को तरसते थे और अब एकान्‍त से पीछा छुडाने का उपाय ढूंढते हैं।

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  4. तू तो मेरा कोई नहीं
    फिर मेरे दिल का हाल
    तुझे कैसे पता ?
    बता दे अब तो
    बस जल्दी बता ...

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  5. ada ji aap ke dil ka haal...?

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  6. sabhi rachnaten bahut hai sundar hai -didi(Amita)

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