जिंदगी के सवालों से परेशान
बहुत हो गाया, अब और नहीं
इस बार बदल कर रहूँगा
अपनी किस्मत.......
लडूंगा हर कठिनाईयों से
हिमालय के शिखर तक पहुचूँगा
सारे बंधन तोड़ दूंगा....
चाहे कुछ भी हो जाये
इस बार बदल कर रहूँगा
फिर धीरे से समझाता है
अपने को....
ये नहीं मेरी बस की बात
मैं नहीं बदल सकता
अपनी किस्मत.......
ये सब है ऊँचे महलों वालों की बात
मैं तो ठहरा छोटा सीधा इन्सान
भूल गाया वह
किस्मत नहीं किसी की गुलाम
सबको देती है मौका एक बार
इसलिए हे किस्मत को कोसने वालों
अब और देर मत करो
उठो हरहराकर, तोड़ दो सबके भ्रम
कूद पड़ो पल हर पल की जंग में
फहरा दो पताका जीत का
जिंदगी के इस रथ पर....
जिंदगी के इस रथ पर....
तेज प्रताप सिंह 'तेज'
सबको देती है मौका एक बार
ReplyDeleteइसलिए हे किस्मत को कोसने वालों
अब और देर मत करो
उठो हरहराकर, तोड़ दो सबके भ्रम
कूद पड़ो पल हर पल की जंग में
फहरा दो पताका जिंदगी के
इस रथ पर....
Bade sahi samaypppppe yah rachana padgi...hausla badhanewali..dua karen ki shram viphal na ho
Rachaname itni kashish hai,ki, pun:,pun:padhneka man kiya!
ReplyDeletebahut hi sundar josh agaya mushkilon se takra jaane ka...
ReplyDeleteबहुत सही..अच्छा लगा पढ़कर.
ReplyDeleteBAHUT KHUB
ReplyDeleteNICE
कूद पड़ो पल हर पल की जंग में
ReplyDeleteफहरा दो पताका जीत का
जिंदगी के इस रथ पर....
यही जीवन की जिजीविषा है....अच्छी प्रस्तुति