आशा है एक नए उमंग की,
तरंग और उसके संवेग की॥
घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
और उसके स्पर्श की
मेरी दुल्हन २०१०
आपका मेरे इस अरमानो,
के सदन मैं स्वागत.....
विचारों के महक से पूर्ण,
घोटक जैसी गति........
सरिता की धुन मैं मधुर !!
श्यामा जैसी वाणी,
और गिरा का भेद है...
मेरा ये सदन...
आशा है कुसुम की महक से,
सुशोभित करेंगी आप.......
मेरे इस सदन को,
और रखेंगी सम्हाल कर,
एक और रावण, कंस, ईस्ट इंडिया
और मुंबई से.........
तेज प्रताप सिंह
nav varsh ki badhai
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteनव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो।
ReplyDeleteलिखते रहिये और दूसरों को भी पढ़ते रहिये।
आपका प्रयास अच्छा है।
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने से टिपण्णी करने में आसानी रहती है, और इसका कुछ फायदा भी नहीं है।
ReplyDelete