मैं कौन हूँ...
अभेद, अविराम तटिनी का वेग
सयंम और परोपकार का सयोंग
अभिन्य, अतुल्य पौरूष का सम्भोग
मर्यादा और पुरुषोत्तम का योग
मैं कौन हूँ....
हनहनाद, हाहाकार युद्ध का परिणाम
छमा और शील का मनोकाम
वीर, अजीत राजा का प्रणाम
आवश्यकता और महत्व का अल्पविराम
मैं कौन हूँ....
अमरत्वा, अजेय का वरदान
सुख और समृधि का धनवान
सात्विक, तपस्वी महात्मा का ज्ञान
आत्म निर्भरता और सत्यवादिता का सम्मान
मैं कौन हूँ....
हर्दय, मस्तिष्क का विचार
प्रेम और स्पर्श का धराधर
निर्मल, सुन्दर वनिता का प्यार
प्रभा और संवदेना का संसार
मैं कौन हूँ....
सुन्दर चिन्तन!! बढ़िया रचना!
ReplyDeleteachhi abhivykti.
ReplyDeletebade achchhe se paribhashit kiya manav ko...
ReplyDeleteJai Hind...
bahut achhi rachna hai mitra.. bdhai ho badhiya panktiyon pe.
ReplyDeletehttp://pramodksharma.blogspot.com/