मेरा क्या है
बचपन की चंचलता माँ के लिए
विद्यार्थी जीवन गुरु को समर्पित
विद्यार्थी जीवन गुरु को समर्पित
वयस्क हूँ प्रेमिका के सृंगार कृत
वृद्ध बनुंगा ईस्वर की भक्ति के लिए
मेरा क्या है
सीस माता-पिता, गुरु के सम्मान के लिए
शारीर का कर्त्यव दूसरों की सेवा है
पौरुष और वीरता करेंगे नारी की रक्छा
नेत्र प्रकृति और सत्य दर्शन के लिए
मेरा क्या है
छमा और करुणा शत्रु के लिए
छमा और करुणा शत्रु के लिए
प्यार जीवनसंगिनी को समर्पित
भविष्य को मिलेगीं हस्त रेखाएं
इच्छा मन की तृप्ति के लिए
मेरा क्या है
सदाचार और सन्स्कार पुत्र के लिए
भविष्य को मिलेगीं हस्त रेखाएं
इच्छा मन की तृप्ति के लिए
मेरा क्या है
सदाचार और सन्स्कार पुत्र के लिए
सहयोग हमेशा मित्र के साथ
अतिथि को मिलेगा आदर और सत्कार
ज्ञान और चिन्तन साहित्य को समर्पित
ज्ञान और चिन्तन साहित्य को समर्पित
बचा प्राण जो यमराज के लिए
मेरा क्या है
बहुत सुन्दर!!
ReplyDeleteइन्सान की कुल जिंदगी कुल जोड़-घटाव को विचारोत्तेजक चित्रण किया है आपने..बेहतरीन
ReplyDeleteवैसे यदि वर्तनीगत अशुद्धियाँ दूर कर लें तो रचना और ग्राह्य बन सकती है..
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ReplyDeletekirpya वर्तनीगत ke liya sujhao den
ReplyDeletejeevan ka sar likh gaye Tej Babu... badi aasani se bade darshan ki baat kar gaye...
ReplyDeleteJai Hind...