आओ खुशियाँ हम मिलकर सजायें,
दिन जो रूठ गये हैं उन्हें फिर से मनायें,
कहीं किसी उपरी मंजिल से
देखता होगा सूरज...
पिछले साल पुती दीवारों पर
सूखता होगा मोरंग...
आओ उन्हीं दीवारों पर
एक और नया रंग लगायें....
रिश्ते जो टूट गये हैं
उन्हें एक बार फिर से मनायें,
हर आदमीं जैसे कहीं किसी
धुन में चला जा रहा है...
जीवन के गुड को बिना खाये
ख़ामोश जीये जा रहा है...
आओ दिनों दिन की बढती
ख़ामोशी को फिर से मिटायें...
सपने जो पीछे छूट गये हैं
उन्हें एक बार फिर से सजायें,
आओ खुशियाँ हम मिलकर सजायें,
दिन जो रूठ गये हैं उन्हें फिर से मनायें,
नव वर्ष मंगल मय हो
`तेज`
सुन्दर और सार्थक प्रयास होगा ...सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं
आप को ओर आप के परिवार को इस नये वर्ष की शुभकामनाऎं
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं
ReplyDelete