होली है होली, होली का मजा लिजीये,
रंग पोतिये, गले मिलिये....
मिटा दीजिये सब दूरियां,
मिटा दीजिये सब दूरियां,
उड़ खड़े हो जाइये इस होली को
मिला लीजिए हाथ.....................
उखाड़ फेंकिये भ्रस्टाचार को
स्थापना कीजिये एक नये समाज की,
मिला लीजिए हाथ.....................
उखाड़ फेंकिये भ्रस्टाचार को
स्थापना कीजिये एक नये समाज की,
जिसमें ना हो कोई उदास और भूखा
मिले सब को न्याय और सम्मान....
और फिर कहिये.....................होली है होली, होली का मजा लीजये
अच्छी लगी कविता तेज.. लिखते रहो.. और शुभ होली
ReplyDeleteबहुत सुंदर लगी आप की रचना.
ReplyDeleteधन्यवाद
thanks
ReplyDeleteaage bhi kosis karunga kuch aacha likhne ki
होली है....
ReplyDeleteअच्छे भाव जगाती कविता.