Friday, February 19, 2010

होली है होली

होली है होली, होली का मजा लिजीये,
रंग पोतिये, गले मिलिये....
मिटा दीजिये सब दूरियां,
उड़ खड़े हो जाइये इस होली को
मिला लीजिए हाथ.....................
उखाड़ फेंकिये भ्रस्टाचार को
स्थापना कीजिये एक नये समाज की,
जिसमें ना हो कोई उदास और भूखा 
मिले सब को न्याय और सम्मान....
और फिर कहिये.....................
होली है होली, होली का मजा लीजये

4 comments:

  1. अच्छी लगी कविता तेज.. लिखते रहो.. और शुभ होली

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  2. बहुत सुंदर लगी आप की रचना.
    धन्यवाद

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  3. thanks
    aage bhi kosis karunga kuch aacha likhne ki

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  4. होली है....
    अच्छे भाव जगाती कविता.

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