
लेकिन अब आप की बारी है........
दीपक जी मेरे सीनिअर हैं, हम लोगों ने साथ में MSc. की है
दिल के बहुत अच्छे हैं, पर कभी कभी थोडा उखड-पकड़ हैं
ले लिया सबका मजा होली के बहाने,
और अब खा रहे हैं गुछिया अकेले- अकेले,
हमेशा ब्लॉगिंग में रहते वयस्त, रिसर्च में क्या आप के हाथ खाली हैं,
बुरा ना मानों होली है,
भर गया है कचरा आज आप के ब्लॉग पर
थोडा साफ़ करो इस होली पर....
पहनायो एक नया वस्त्र अपने ब्लॉग को
की बुरा ना मनो होली है.....
दीपक जी माफ़ी गुस्ताकी के लिए,
आज आप ही मिले मुझे......
बुरा ना मानों होली है
तेज प्रताप सिंह