आया हूँ आज तो कुछ लिख के जाऊंगा
यादों को शब्दों में पिरो के जाऊंगा
भूल ना जाऊं उनके चेहरे की तासीर
इसलिए महफ़िल को आज जगा के जाऊंगा ।
बजा दो तालियाँ मेरे इन शब्दों पर
पी लो मुहब्बत के दो चार घूँट
आया हूँ आज मैं बहुत दिन बाद
तो प्रेम में डुबकी लगवा के जाऊंगा ।
टूटे दिल में आश जगाने की खाई है कशम
उजड़े प्यार को बसाने की ठानी है मैंने
उदास चेहरे पर आ जाये फिर से मुस्कुराहट
इसलिए दिल में एक और गुदगुदी उठा के जाऊंगा ।
महबूब की दोनों आँखों में डूब जाओ
भुला दो दूनिया की ग़मों रंजिश
भीग जाये तेरा तन मन उनके प्रेम में
इसलिए आज मुहब्बत की बारिश करा के जाऊंगा ।
तेज
बहुत खुब जी बहुत ही सुंदर रचना,आया हूँ आज तो कुछ लिख के जाऊंगा, आप को धन्यवाद दे कर ही जाऊंगा!!
ReplyDeleteउदास चेहरे पर आ जाये फिर से मुस्कुराहट
ReplyDeleteइसलिए दिल में एक और गुदगुदी उठा के जाऊंगा ।
Oh! Sundar!