हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मानते हैं
जीवन मूल्यों में निर्वाह की कमी का या फिर आधुनिक विचारों की स्थापना का
गिरती नैतिकता की उलाहना का या फिर नक़ल करने की प्रतिस्प्रधा का
चरित्र की अवहेलना का या फिर चरित्र में भ्रस्टाचार उक्त गुडों की लगन का
सामाजिक भेद-भाव का या फिर अवस्कता से अधिक अधिकार का
गुलामी को न भुलाने का या फिर व्र्हत भारत के टूट जाने का
अखंड भारत और अखंड समाज की परिकल्पना ही
सच्ची आजादी है, जय हिंद
जीवन मूल्यों में निर्वाह की कमी का या फिर आधुनिक विचारों की स्थापना का
गिरती नैतिकता की उलाहना का या फिर नक़ल करने की प्रतिस्प्रधा का
चरित्र की अवहेलना का या फिर चरित्र में भ्रस्टाचार उक्त गुडों की लगन का
सामाजिक भेद-भाव का या फिर अवस्कता से अधिक अधिकार का
गुलामी को न भुलाने का या फिर व्र्हत भारत के टूट जाने का
अखंड भारत और अखंड समाज की परिकल्पना ही
सच्ची आजादी है, जय हिंद