Tuesday, August 2, 2011

हमने देखी ना थी चंचलता उनकी इस अदा में,
जिसका ढाल बना वो मेरा दिल ले गए,
पहले तो हम कभी-कभी मरा करते थे,
आज तो वो मेरी हर सांस को ही कत्ल कर गए |   

आकर अपने बाजुओं में मुझे सुलाया करते थे,
जाते-जाते माथे पर हाथ भी फिरा दिया करते थे,
पर जबसे उन्होंने चुराया मेरा दिल इन अदायों से,
आना तो दूर गाहे बगाहे मेरा हाल भी पूछना भूल गए | 




"तेज"

2 comments:

  1. har dil har pal khud se hi mahsus kar tera haal jaan liya karte hain....najar utha kar dekho to ek baar...aaj bhi hum vhi khade rahte hain...
    lajabab....bahut khoob....aabhar

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