निंद्रा नहीं स्वप्न मांगता हूँ
कभी ना बीते वो रात मांगता हूँ
आकर जो पोंछ जाये मेरी आँखों से आंसू,
ऐसा कोई हंसी दिलदार मांगता हूँ.......
लिख गाया अपनी मुस्कुराहट से
इस शीशे-दिल पर अपना नाम
कि टूटा तो भी मुस्कुराया
हर टुकड़ा लेकर उसका ही नाम
आज फिर है गुजारिश..............
दर्द नहीं प्यार मांगता हूँ
कभी ना कम हो वो एहसास मांगता हूँ
आकर जो जोड़ दे मेरे टूटे शीशे-दिल को,
ऐसा कोई हंसी दिलदार मांगता हूँ.......
इंतज़ार नहीं साथ मांगता हूँ
हाथ के लकीरों का अंजाम मांगता हूँ
आकर जो कोई थाम ले मेरा हाथ,
ऐसा कोई हंसी दिलदार मांगता हूँ.......
बहुत खूबसूरत ....एक सकारात्मक सोच लिए हुए जज़्बात लिखे हैं....बधाई
ReplyDeletekhubsurat kahan hain, .........
ReplyDeletebadhaayee
arsh
आकर जो जोड़ दे मेरे टूटे शीशे-दिल को,
ReplyDeleteऐसा कोई हंसी दिलदार मांगता हूँ......
wow @@@@@@@@@
is line ne dil chura liya hamara
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
sabhi ko mera dhanyawaad....
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