Monday, January 11, 2010

मेरा क्या है

मेरा क्या है 
बचपन की चंचलता माँ के लिए
विद्यार्थी जीवन गुरु को समर्पित
वयस्क हूँ प्रेमिका के सृंगार कृत
वृद्ध बनुंगा ईस्वर की भक्ति के लिए 
मेरा क्या है 


सीस माता-पिता, गुरु के सम्मान के लिए
शारीर का कर्त्यव दूसरों की सेवा है
पौरुष और वीरता करेंगे नारी की रक्छा
नेत्र प्रकृति और सत्य दर्शन के लिए
मेरा क्या है


छमा और करुणा शत्रु के लिए 
प्यार जीवनसंगिनी को  समर्पित
भविष्य को मिलेगीं हस्त रेखाएं  
इच्छा मन की तृप्ति के लिए
मेरा क्या है 
 
सदाचार और सन्स्कार पुत्र के लिए
सहयोग हमेशा मित्र के साथ 
अतिथि को मिलेगा आदर और सत्कार
ज्ञान और चिन्तन साहित्य को समर्पित
बचा प्राण जो यमराज के लिए 
मेरा क्या है 

5 comments:

  1. इन्सान की कुल जिंदगी कुल जोड़-घटाव को विचारोत्तेजक चित्रण किया है आपने..बेहतरीन
    वैसे यदि वर्तनीगत अशुद्धियाँ दूर कर लें तो रचना और ग्राह्य बन सकती है..

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  3. kirpya वर्तनीगत ke liya sujhao den

    ReplyDelete
  4. jeevan ka sar likh gaye Tej Babu... badi aasani se bade darshan ki baat kar gaye...
    Jai Hind...

    ReplyDelete